ज्ञानेश्वर राशिफल 2025
>> Monday, September 9, 2024
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'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग पन्द्रह में गीता के अध्याय सोलह 'दैवासुर संपद् विभाग योग' के 24 श्लोक को तांका की पांच लाईन में क्रमश: 5-7-5-7-7 अक्षरों के क्रम वाली 31 अक्षरीय कविता में अभिव्यक्त किया गया है। यह तांका संग्रह आपको सच्ची सुख-शान्ति और सफलता का अनुपम मार्ग बताएगा। इस पुस्तक को पढ़कर आप दुविधा और मोह से ग्रस्त पीड़ा से मुक्त होकर निर्भय हो जाएंगे। भगवान् का गीत आपके जीवन को सार्थक कर सका तो मेरा परिश्रम स्वत: ही सार्थक हो जाएगा। एक बार अवश्य पढ़ें और अपने जीवन को एक नई दिशा प्रदान करें। शेष हरि इच्छा। पुस्तक हेतु लिंक पर जाएं-
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'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग सतरह में गीता के अध्याय सतरह 'श्रद्धात्रय विभाग योग' के 28 श्लोक को तांका की पांच लाईन में क्रमश: 5-7-5-7-7 अक्षरों के क्रम वाली 31 अक्षरीय कविता में अभिव्यक्त किया गया है। यह तांका संग्रह आपको सच्ची सुख-शान्ति और सफलता का अनुपम मार्ग बताएगा। इस पुस्तक को पढ़कर आप दुविधा और मोह से ग्रस्त पीड़ा से मुक्त होकर निर्भय हो जाएंगे। भगवान् का गीत आपके जीवन को सार्थक कर सका तो मेरा परिश्रम स्वत: ही सार्थक हो जाएगा। एक बार अवश्य पढ़ें और अपने जीवन को एक नई दिशा प्रदान करें। शेष हरि इच्छा। पुस्तक हेतु लिंक पर जाएं-
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'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग चौदह में गीता के अध्याय चौदह 'त्रिगुण विभाग योग' के 27 श्लोक को तांका की पांच लाईन में क्रमश: 5-7-5-7-7 अक्षरों के क्रम वाली 31 अक्षरीय कविता में अभिव्यक्त किया गया है। यह तांका संग्रह आपको सच्ची सुख-शान्ति और सफलता का अनुपम मार्ग बताएगा। इस पुस्तक को पढ़कर आप दुविधा और मोह से ग्रस्त पीड़ा से मुक्त होकर निर्भय हो जाएंगे। भगवान् का गीत आपके जीवन को सार्थक कर सका तो मेरा परिश्रम स्वत: ही सार्थक हो जाएगा। एक बार अवश्य पढ़ें और अपने जीवन को एक नई दिशा प्रदान करें। शेष हरि इच्छा। पुस्तक हेतु लिंक पर जाएं-
'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग तेरह में गीता के अध्याय तेरह 'प्रकृति पुरुष विवेक योग' के 34 श्लोक को तांका की पांच लाईन में क्रमश: 5-7-5-7-7 अक्षरों के क्रम वाली 31 अक्षरीय कविता में अभिव्यक्त किया गया है। यह तांका संग्रह आपको सच्ची सुख-शान्ति और सफलता का अनुपम मार्ग बताएगा। इस पुस्तक को पढ़कर आप दुविधा और मोह से ग्रस्त पीड़ा से मुक्त होकर निर्भय हो जाएंगे। भगवान् का गीत आपके जीवन को सार्थक कर सका तो मेरा परिश्रम स्वत: ही सार्थक हो जाएगा। एक बार अवश्य पढ़ें और अपने जीवन को एक नई दिशा प्रदान करें। शेष हरि इच्छा। पुस्तक हेतु लिंक पर जाएं-
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'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग ग्यारह में गीता के अध्याय ग्यारह 'विश्वरूप दर्शन योग' के 55 श्लोक को तांका की पांच लाईन में क्रमश: 5-7-5-7-7 अक्षरों के क्रम वाली 31 अक्षरीय कविता में अभिव्यक्त किया गया है। यह तांका संग्रह आपको सच्ची सुख-शान्ति और सफलता का अनुपम मार्ग बताएगा। इस पुस्तक को पढ़कर आप दुविधा और मोह से ग्रस्त पीड़ा से मुक्त होकर निर्भय हो जाएंगे। भगवान् का गीत आपके जीवन को सार्थक कर सका तो मेरा परिश्रम स्वत: ही सार्थक हो जाएगा। एक बार अवश्य पढ़ें और अपने जीवन को एक नई दिशा प्रदान करें। शेष हरि इच्छा। पुस्तक हेतु लिंक पर जाएं-
'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग दस में गीता के अध्याय दस 'विभूति योग' के 42 श्लोक को तांका की पांच लाईन में क्रमश: 5- 7-5-7-7 अक्षरों के क्रम वाली 31 अक्षरीय कविता में अभिव्यक्त किया गया है। यह तांका संग्रह आपको सच्ची सुख-शान्ति और सफलता का अनुपम मार्ग बताएगा। इस पुस्तक को पढ़कर आप दुविधा और मोह से ग्रस्त पीड़ा से मुक्त होकर निर्भय हो जाएंगे। भगवान् का गीत आपके जीवन को सार्थक कर सका तो मेरा परिश्रम स्वत: ही सार्थक हो जाएगा। एक बार अवश्य पढ़ें और अपने जीवन को एक नई दिशा प्रदान करें। शेष हरि इच्छा। पुस्तक हेतु लिंक पर जाएं-
'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग नौ में गीता के अध्याय नौ 'राजविद्या राजगुह्य योग' के 34 श्लोक को तांका की पांच लाईन में क्रमश: 5-7-5-7-7 अक्षरों के क्रम वाली 31 अक्षरीय कविता में अभिव्यक्त किया गया है। यह तांका संग्रह आपको सच्ची सुख-शान्ति और सफलता का अनुपम मार्ग बताएगा। इस पुस्तक को पढ़कर आप दुविधा और मोह से ग्रस्त पीड़ा से मुक्त होकर निर्भय हो जाएंगे। भगवान् का गीत आपके जीवन को सार्थक कर सका तो मेरा परिश्रम स्वत: ही सार्थक हो जाएगा। एक बार अवश्य पढ़ें और अपने जीवन को एक नई दिशा प्रदान करें। शेष हरि इच्छा। पुस्तक हेतु लिंक पर जाएं-
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'गीता' भगवान् का गीत है जिसमें 18 अध्याय में 700 श्लोक हैं। इन 18 अध्याय को तांका छन्द में 18 पुस्तकों में अभिव्यक्त किया गया है। इन तांका संग्रह के भाग आठ में गीता के अध्याय आठ 'अक्षर ब्रह्म योग' के 28 श्लोक को तांका की पांच लाईन में क्रमश: 5-7-5-7-7 अक्षरों के क्रम वाली 31 अक्षरीय कविता में अभिव्यक्त किया गया है। यह तांका संग्रह आपको सच्ची सुख-शान्ति और सफलता का अनुपम मार्ग बताएगा। इस पुस्तक को पढ़कर आप दुविधा और मोह से ग्रस्त पीड़ा से मुक्त होकर निर्भय हो जाएंगे। भगवान् का गीत आपके जीवन को सार्थक कर सका तो मेरा परिश्रम स्वत: ही सार्थक हो जाएगा। एक बार अवश्य पढ़ें और अपने जीवन को एक नई दिशा प्रदान करें। शेष हरि इच्छा। पुस्तक हेतु लिंक पर जाएं-
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