कुण्डली मिलान में गुणों की महत्ता क्या है?
>> Thursday, November 4, 2010
प्राय: मेलापक विचार के अन्तर्गत वर-कन्या के जन्म नक्षत्र व चरण और जन्म कुण्डली के आधार पर यह देखा जाता है कि यह सम्बन्ध कैसा रहेगा। आठ कूट होते हैं जिनके आधार पर वर-कन्या के गुण-दोषों का विचार किया जाता है। अष्टकूट ये हैं-वर्ण, वश्य, तारा, योनि, ग्रह(राशीश), गण, भकूट एवं नाड़ी। ये आठ गुण उत्तरोत्तर बली हैं। इनका निर्णय वर-कन्या के जन्म नक्षत्र और राशि से किया जाता है।
इन आठ गुणों या कूट के अंक इस प्रकार हैं-वर्ण(1), वश्य(2), तारा(3), योनि(4), राशीश(5), गण(6), भकूट(7) एवं नाड़ी(8)। इन कूट या गुणों का योग 36 होता है। वर-कन्या के नक्षत्र व राशि के आधार पर कोई कूट दोषपूर्ण हो तो उसके अंक या तो कुछ कम हो जाते हैं अन्यथा दोष होने पर शून्य अंक रह जाते हैं। अत: अष्टकूट मिलान से वर-कन्या के गुणों का योग 24से ऊपर आए तो विवाह योग उत्तम, उससे कम आए तो मध्यम और 17 से कम होने पर अधम समझा जाता है। दोष होने पर उनका परिहार देखना चाहिए। यदि परिहार मिल जाता है तो दोष समाप्त हो जाता है।
आठ गुणों में वर्ण से दोनों की कार्यक्षमता, वश्य दोनों की व्यक्तिगत प्रधानता, तारा दोनों के भाग्य, योनि दोनों की मानसिकता, राशीश दोनों के पारस्परिक स्वभाव या सामन्जस्य, गण दोनों की गुण प्रधानता के कारण सामाजिक स्थिति, भकूट दोनों के परस्पर प्रेममयी जीवन एवं नाड़ी दोनों के शारीरिक स्वास्थ्य का प्रतीक है। यदि ये गुण नहीं मिलते हैं तो इनमें परस्पर विरोधाभास या कमी होती है। प्राय: जिस गुण में कमी होती है उसका परिहार देखना चाहिए और यदि मिल जाता है तो उस दोष की समाप्ति हो जाती है।
राशीश मैत्री हो, दोनों का राशीश एक हो या मित्र हो, नवमांशेश(नवांश का स्वामी) परस्पर मित्र हो या एक हो, पादवेध न हो, दोनों के नक्ष्ात्र एक और राशियां भिन्न-भिन्न हों, दोनों का नक्षत्र एक और चरण भिन्न-भिन्न हों या दोनों की राशि एक हों और नक्षत्र भिन्न-भिन्न हों। वैवाहिक जीवन सुखमय व्यतीत हो इसलिए कुण्डली मिलान या मेलापक अवश्य करें। कुण्डली मिलान कम्प्यूटर से भी कर सकते हैं, किसी विद्वान दैवज्ञ से भी करा सकते हैं या पंचाग में से मेलापक सारिणी से भी कर सकते हैं।
लेकिन यह ध्यान रखें कि गुण मिलान पर ही निर्भर न रहें। कुण्डली के शुभाशुभ योगों पर विशेष ध्यान दें। गुण मिल रहे हैं और कुण्डली में तलाक योग, विधुर या वैधव्य योग या अल्पायु योग या अन्य कोई रोग योग है तो गुण मिलान निरर्थक है। गुण मिलान है और कोई अशुभ योग है तो वैवाहिक जीवन में संघर्ष एवं दु:ख आ सकता है। मेलापक किन्हीं दो लोगों का किया जा सकता है, वे साझीदार, मित्र आदि भी हो सकते हैं।
इन आठ गुणों या कूट के अंक इस प्रकार हैं-वर्ण(1), वश्य(2), तारा(3), योनि(4), राशीश(5), गण(6), भकूट(7) एवं नाड़ी(8)। इन कूट या गुणों का योग 36 होता है। वर-कन्या के नक्षत्र व राशि के आधार पर कोई कूट दोषपूर्ण हो तो उसके अंक या तो कुछ कम हो जाते हैं अन्यथा दोष होने पर शून्य अंक रह जाते हैं। अत: अष्टकूट मिलान से वर-कन्या के गुणों का योग 24से ऊपर आए तो विवाह योग उत्तम, उससे कम आए तो मध्यम और 17 से कम होने पर अधम समझा जाता है। दोष होने पर उनका परिहार देखना चाहिए। यदि परिहार मिल जाता है तो दोष समाप्त हो जाता है।
आठ गुणों में वर्ण से दोनों की कार्यक्षमता, वश्य दोनों की व्यक्तिगत प्रधानता, तारा दोनों के भाग्य, योनि दोनों की मानसिकता, राशीश दोनों के पारस्परिक स्वभाव या सामन्जस्य, गण दोनों की गुण प्रधानता के कारण सामाजिक स्थिति, भकूट दोनों के परस्पर प्रेममयी जीवन एवं नाड़ी दोनों के शारीरिक स्वास्थ्य का प्रतीक है। यदि ये गुण नहीं मिलते हैं तो इनमें परस्पर विरोधाभास या कमी होती है। प्राय: जिस गुण में कमी होती है उसका परिहार देखना चाहिए और यदि मिल जाता है तो उस दोष की समाप्ति हो जाती है।
राशीश मैत्री हो, दोनों का राशीश एक हो या मित्र हो, नवमांशेश(नवांश का स्वामी) परस्पर मित्र हो या एक हो, पादवेध न हो, दोनों के नक्ष्ात्र एक और राशियां भिन्न-भिन्न हों, दोनों का नक्षत्र एक और चरण भिन्न-भिन्न हों या दोनों की राशि एक हों और नक्षत्र भिन्न-भिन्न हों। वैवाहिक जीवन सुखमय व्यतीत हो इसलिए कुण्डली मिलान या मेलापक अवश्य करें। कुण्डली मिलान कम्प्यूटर से भी कर सकते हैं, किसी विद्वान दैवज्ञ से भी करा सकते हैं या पंचाग में से मेलापक सारिणी से भी कर सकते हैं।
लेकिन यह ध्यान रखें कि गुण मिलान पर ही निर्भर न रहें। कुण्डली के शुभाशुभ योगों पर विशेष ध्यान दें। गुण मिल रहे हैं और कुण्डली में तलाक योग, विधुर या वैधव्य योग या अल्पायु योग या अन्य कोई रोग योग है तो गुण मिलान निरर्थक है। गुण मिलान है और कोई अशुभ योग है तो वैवाहिक जीवन में संघर्ष एवं दु:ख आ सकता है। मेलापक किन्हीं दो लोगों का किया जा सकता है, वे साझीदार, मित्र आदि भी हो सकते हैं।
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