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अकल बड़ी या नकल

>> Sunday, August 24, 2014


यह सत्‍य है कि हम उपदेश की अपेक्षा नकल करके जल्‍दी सीखते हैं।
लेकिन सबकुछ नकल से ही नहीं सीख सकते हैं।
नकल बिना सोचे समझे नहीं करनी चाहिए।
नकल के लिए भी अकल चाहिए।
बिना अकल लगाए की गई नकल कई बार परेशानियों में फंसा देती है।
जहां नकल होती है वहां खाली दिखावट हो सकती है।
नकल करें पर सोच-समझकर ही करें।
पर सत्‍य यही है कि नकल से अकल भली होने के कारण सदैव वही बड़ी है।

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