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दान देने से पहले जरूर ध्‍यान रखें !

>> Tuesday, March 7, 2017



दान देने की सामर्थ्‍य हो तो अवश्‍य देना चाहिए। दान देकर जताने पर दान व्‍यर्थ चला जाता है। सच्‍चे मन से दिया गया दान कभी व्‍यर्थ नहीं जाता है। उससे अवश्‍य किसी का भला लोता है दान वही सर्वोत्‍तम होता है जिसमें आपको ज्ञात न हो कि आपने किसको दिया है। निस्‍वार्थ भाव से किया गया दान ही उत्‍तम होता है। वैसे भी गुप्‍त दान ही सब दानों में सर्वोत्‍तम होता है।
आपने मंदिर में दान दिया और आपके भाई ने भी मंदिर में दान दिया तो दोनों के मन में दान देने की थी तो उन्‍हें उनके दान का फल अलग-अलग मिलेगा। दान देकर नाम का लालच दान का फल नहीं दिलाता है। दूजे को देखकर आपने भी दान कर दिया तो उसका फल नहीं मिलता है। किसी दूसरे जीव को सुख देना ही दान है। आपने जो भी सुख दिया तो उसके प्रतिफल में आपको भी सुख मिलता  है। आपने  किसी को पुराने कपड़े दिए, आपने उसकी सहायता करी, उसे देकर आपको मन में सुख की अनुभूति भी हुई! आपने सहायता करी तो प्रतिफल में सुख या सहायता ही मिलेगी। आपने किसी को दु:ख दिया  तो आपको प्रतिफल में दु:ख मिलने की ही आशा करनी चाहिए।
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