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औकात मुझे पता(लघुगीत तांका)

>> Friday, November 2, 2018



आज शुक्रवार है और प्रत्‍येक शुक्रवार को कहानी या कविता की चर्चा करते हैं। आज की वीडियो में लघु गीत तांका के अन्‍तर्गत औकात मुझे पता शीर्षक के अन्‍तर्गत दो तांका दे रहे हैं। तांका में ५,७,५,७,७ के क्रम में कुल इकतीस अक्ष्‍ार की पांच पक्तियों होती हैं। आपको यह लघुगीत तांका कैसा लगा कमन्‍ट बॉक्‍स में टिप्‍पणी देकर अवश्‍य बताएं। धन्‍यवाद।

औकात मुझे पता

मैंने कहा ये 
भाग्‍य ने यही बदा
बैठूं धरा पे
औकात मुझे पता
क्‍योंकि सच यही रे

मालूम मुझे
मेरा नहीं है मोल
रखूं संबंध
सदा उन सबसे
जो होते अनमोल


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