बनते रिश्ते(लघुगीत तांका)
>> Friday, December 28, 2018
आज शुक्रवार है और प्रत्येक शुक्रवार को कहानी या कविता की चर्चा करते हैं। आज की वीडियो में लघु गीत तांका के अन्तर्गत हे 'बनते रिश्ते' शीर्षक के अन्तर्गत पांच तांका दे रहे हैं। तांका में ५,७,५,७,७ के क्रम में कुल इकतीस अक्ष्ार की पांच पक्तियों होती हैं। आपको यह लघुगीत तांका कैसा लगा कमन्ट बॉक्स में टिप्पणी देकर अवश्य बताएं। धन्यवाद।
बनते रिश्ते
१
रिश्ता निभाना
होता नहीं आसान
रिश्ते की आन
बचा ले मेरे यार
यही जीवन सार
२
खुश रहना
रिश्ते सही निभाना
सच्चा हो साथ
कर के सहयोग
दे हाथ में हाथ
३
हमारे रिश्ते
कहानी हैं कहते
साथ निभाना
सहयोग करना
सदा संग रहना
४
आपसी प्यार
सुख-दुख का साथ
बनते रिश्ते
साथ-साथ सहते
सदा संग हंसते
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