कुण्डली से विवाह आयु निकालने का सरल प्रकार-पं.ज्ञानेश्वर
>> Thursday, June 3, 2010
विवाह की आयु निकालने का सरल प्रकार बताते हैं। पुरुष के लिए पत्नी कारक ग्रह शुक्र है और स्त्री के लिए पति कारक ग्रह गुरु है। यदि सप्तमेश शुभग्रह से युत है तो विवाह निर्धारित आयु से चार वर्ष पूर्व और यदि पापग्रहों से दृष्ट व युत है तो आठ वर्ष बाद होगा। यदि सप्तमेश पापी ग्रह से दृष्ट है तो विवाह चार वर्ष विलम्ब से होगा।निर्धारित आयु विवाह की इस प्रकार है-
ग्रह पुरुष स्त्री
सूर्य 21से26वर्ष 19से24वर्ष
चन्द्र 20से22वर्ष 18से20वर्ष
मंगल 18से20वर्ष 16से19वर्ष
बुध 16से18वर्ष 14से16वर्ष
गुरु 22से24वर्ष 20से22वर्ष
शुक्र 20से25वर्ष 18से21वर्ष
शनि 24से28वर्ष 24से26वर्ष
एक लड़की की कुण्डली में सप्तमेश गुरु है और वह नीच का शनि के साथ स्थित है व पापग्रह मंगल से दृष्ट है तो निर्धारित आयु से आठ वर्ष बाद विवाह होगा। यह लड़की है तो उसकी निर्धारित आयु 20से22 में जोड़ा तो 28से 30वर्ष में विवाह होना चाहिए। लड़की का विवाह 28वें वर्ष में हुआ। अनुमान सही बैठता है, कभी-कभी विवेक सम्मत विश्लेषण न होने से गलत भी हो जाता है।
इस प्रकार अन्य कुण्डली में विचारना चाहिए
1 comments:
Meri Birth date 16-3-1985 hai
Birth time 1:45 pm
birtplace Burhanpur hai.
Vivah kab hoga?
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