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सूर्य को जल क्‍यों चढ़ाते ?-पं.ज्ञानेश्‍वर

>> Saturday, September 4, 2010


क्‍या आपको पता है कि सूर्य को जल क्‍यों चढ़ाते हैं
प्राय: उगते सूर्य को अघ्र्य देने (जल चढ़ाने) का महत्व है। इसके अनेक लाभ बताए गए हैं।
ज्‍योतिष के दृष्टि से सूर्य देव प्रसन्‍न होते हैं। जब किसी कुंडली में सूर्य की अन्‍य ग्रहों के साथ युति होती है तो यदि दोनों ग्रहों के मध्‍य 15 अंश तक का अन्‍तर हो तो वह ग्रह अस्‍त हो जाता है।  अस्‍त ग्रह निष्‍फल होते हैं। सूर्य को जल चढ़ाने से उसका प्रभाव उस पर से कम होने के कारण अस्‍त ग्रह फल देने को तत्‍पर होने लगता है। सूर्य से लाभ उठाने के लिए एक तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें चावल के दाने, गुड़ का टुकड़ा एवं रौली डालकर सूर्य को जल चढ़ाते समय सूर्य का छह बार मन्‍त्र बोलें। लोटा सिर से ऊपर रखें और जल की धारा आंखों के सामने से बनाएं और उसमें सूर्य के दर्शन करें। सीधा सूर्य को न देखें।
वैज्ञानिक एवं स्‍वास्‍थ्‍य के दृष्टिकोण से  क्या सूर्य को जल चढ़ाने से सीधे कोई लाभ मिलता है या नहीं। 
सूर्य पृथ्वी से 1,49,600,000 किलोमीटर दूर है। इसका प्रकाश पृथ्वी तक पहुंचने में 8 मिनट 19 सेकेंड का समय लेता है। सभी जानते हैं कि सूर्य पृथ्वी के जीवों के लिए महत्वपूर्ण ऊर्जा का स्रोत है। सूर्य के कारण जीवों को तो ऊर्जा मिलती ही है, पेड़- पौधों को भोजन भी सूर्य के कारण ही मिल पाता है। अगर सूर्य की किरणें न हों तो फोटोसिंथेसिस न हो और फोटोसिंथेसिस न हो तो पेड़- पौधे भोजन कैसे बनाएंगे? आखिर उनकी पत्तियों में मौजूद क्लोरोफिल बिना सूर्य के प्रकाश के कर ही क्या पाएगा। सूर्य को जल चढ़ाने से हमारे शरीर पर सीधा प्रभाव पड़ता है। जब हम सुबह जल्दी उठकर सूर्य को जल चढ़ाते हैं तो इससे सीधे-सीधे हमारे स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। सुबह की ताजी हवा और सूर्य की पहली रश्मियां हम पर पड़ती हैं। इससे हमारे चेहरे पर तेज दिखाई देता है। इसके अलावा जब हम सूर्य को जल चढ़ाते हैं और पानी की धारा के बीच उगते सूरज को देखते हैं तो नेत्र ज्योति बढ़ती है, पानी के बीच से होकर आने वाली सूर्य की किरणों जब शरीर पर पड़ती हैं तो इसकी किरणों के रंगों का भी हमारे शरीर पर प्रभाव पड़ता है। जिससे विटामिन डी जैसे कई गुण भी होते हैं। इसलिए कहा गया है कि जो उगते सूर्य को जल चढ़ाता है उसमें सूर्य जैसा तेज आ जाता है। ऋषियों ने कहा है कि सूर्य को जल देने से उसकी अदृश्य प्रेम किरणें हमारे हृदय में प्रवेश करती हैं और हमारे शरीर के सारे हानिकारक तत्व नष्ट होते जाते हैं। हम रोज न जाने कितनी नकारात्मक परिस्थितियों से गुजरते हैं। सूर्य को जल चढ़ाते ही हमारे शरीर पर पड़े बुरे प्रभाव तुरंत नष्ट हो जाते हैं और हमें एक नई ऊर्जा मिलती है एवं जीवन में सुख और शांति की वृद्धि होती है। 

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