सप्तग्रही योग लाखों में किसी एक की कुण्डली में होता है!
>> Monday, March 14, 2011
जन्मकुण्डली को देखें जब उसमें सूर्यादि सात ग्रह सूर्य, चन्द्र, मंगल, बुध, गुरु एवं शुक्र एक साथ किसी एक राशि में स्थित हों तो उसका फल इस प्रकार होता है-'जातक उच्च शिक्षित, प्रतिष्ठित, बुद्धिमान, राजा सद़श धन व सम्पत्ति से युक्त, आवास, स्त्री, सन्तान, वाहन आदि सुख-साधनों से युक्त होता है। वह गुणी और सामर्थ्यवान् होता है। लोकप्रिय, उच्चस्तरीय व्यवसाय एवं राजनीति के क्षेत्र में भी सफल होता है।' किसी विरले कि कुण्डली में होता है यह योग।
इस योग में यह बात ध्यान रखने कि है कि यह योग पहले से सातवें भाव तक कहीं भी बने तो इसका फल अधिक मात्रा में मिलता है और यदि यह योग सातवें से बारहवें भाव तक बनता है तो इसका फल कम मात्रा में मिलता है।
इस योग में यह बात ध्यान रखने कि है कि यह योग पहले से सातवें भाव तक कहीं भी बने तो इसका फल अधिक मात्रा में मिलता है और यदि यह योग सातवें से बारहवें भाव तक बनता है तो इसका फल कम मात्रा में मिलता है।
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