अंक प्रश्न विचार
>> Tuesday, April 26, 2011
कभी-कभी आप अपने मन की बात किसी से नहीं कहना चाहते हैं। परन्तु अपने मन में उठने वाले प्रश्न का उत्तर चाहते हैं। इसके लिए अंक प्रश्न विचार बताते हैं। ज्योतिष ग्रन्थों में वर्णित है कि पृच्छक यानि प्रश्न पूछने वाले को अपने मन में 1से108 के अंकों में से कोई एक अंक सोचना चाहिए, बाद में 12 का भाग देकर जो शेष बचे उससे फल कहना चाहिए। फल इस प्रकार है-
1, 7 या 9 शेष बचे तो विलम्ब से कार्य बनेगा।
4, 5, 8 या 10 शेष बचे तो कार्य नहीं बनेगा।
0, 2, 3, 6 या 11 शेष बचे तो कार्यसिद्धि हो जाएगी।
एक व्यक्ति एक बार में एक ही प्रश्न पूछ सकता है। मात्र परीक्षा लेने के लिए पूछा गए प्रश्न का उत्तर सही नहीं बैठता है। सहज भाव से यूं ही अचानक पूछा गया प्रश्न का फल सही बैठता है।
1, 7 या 9 शेष बचे तो विलम्ब से कार्य बनेगा।
4, 5, 8 या 10 शेष बचे तो कार्य नहीं बनेगा।
0, 2, 3, 6 या 11 शेष बचे तो कार्यसिद्धि हो जाएगी।
एक व्यक्ति एक बार में एक ही प्रश्न पूछ सकता है। मात्र परीक्षा लेने के लिए पूछा गए प्रश्न का उत्तर सही नहीं बैठता है। सहज भाव से यूं ही अचानक पूछा गया प्रश्न का फल सही बैठता है।
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