सर्वार्थ सिद्ध योग का क्या लाभ है?
>> Wednesday, May 11, 2011
यह योग कैसे बनता है?
नीचे लिखे वारों में यदि निम्नलिखित नक्षत्र पड़ता है तो सर्वार्थ सिद्ध योग बनता है।
रविवार में हस्त, मूला, तीनों उत्तरा, पुष्य एवं अश्विनी नक्षत्र पड़े।
सोमवार में श्रवण, रोहिणी, मृगशिरा, पुष्य एवं अनुराधा नक्षत्र पड़े।
मंगलवार में अश्वनी, उत्तराभाद्रपद, कृतिका एवं आश्लेषा नक्षत्र पड़े।
बुधवार में रोहिणी, अनुराधा, हस्त, कृतिका एवं मृगशिरा नक्षत्र पड़े।
गुरूवार में रेवती, अनुराधा, अश्वनी, पुनर्वसु एवं पुष्य नक्षत्र पड़े।
शुक्रवार में रेवती, अनुराधा, अश्वनी, श्रवण एवं पुनर्वसु नक्षत्र पड़े।
शनिवार में श्रवण, रोहिणी एवं स्वाति नक्षत्र पड़े।
इस योग में किये गये शुभ कार्य सुफल देते हैं। इसलिए यह सर्वार्थ सिद्ध योग के नाम से जाना जाता है।
कोई भी पंचांग ले लें उनमें वर्ष भर के सर्वार्थ सिद्ध योग दिए रहते हैं। कोई भी कार्य करना हो तो दैवज्ञ से या किसी पंचांग से इन योगों को ज्ञात कर लेना चाहिए।
नीचे लिखे वारों में यदि निम्नलिखित नक्षत्र पड़ता है तो सर्वार्थ सिद्ध योग बनता है।
रविवार में हस्त, मूला, तीनों उत्तरा, पुष्य एवं अश्विनी नक्षत्र पड़े।
सोमवार में श्रवण, रोहिणी, मृगशिरा, पुष्य एवं अनुराधा नक्षत्र पड़े।
मंगलवार में अश्वनी, उत्तराभाद्रपद, कृतिका एवं आश्लेषा नक्षत्र पड़े।
बुधवार में रोहिणी, अनुराधा, हस्त, कृतिका एवं मृगशिरा नक्षत्र पड़े।
गुरूवार में रेवती, अनुराधा, अश्वनी, पुनर्वसु एवं पुष्य नक्षत्र पड़े।
शुक्रवार में रेवती, अनुराधा, अश्वनी, श्रवण एवं पुनर्वसु नक्षत्र पड़े।
शनिवार में श्रवण, रोहिणी एवं स्वाति नक्षत्र पड़े।
इस योग में किये गये शुभ कार्य सुफल देते हैं। इसलिए यह सर्वार्थ सिद्ध योग के नाम से जाना जाता है।
कोई भी पंचांग ले लें उनमें वर्ष भर के सर्वार्थ सिद्ध योग दिए रहते हैं। कोई भी कार्य करना हो तो दैवज्ञ से या किसी पंचांग से इन योगों को ज्ञात कर लेना चाहिए।
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