सूर्य को जल कैसे चढ़ाएं ?
>> Friday, May 13, 2011
सूर्य को जल चढ़ाने के लिए एक तांबे का लोटा ले लें। उसमें शुद्ध जल ले लें, थोड़े चावल के दाने डाल लें, थोड़ी रौली डाल लें एवं थोड़ा सा गुड़ का टुकड़ा डाल लें।
तदोपरान्त सूर्य को जल चढ़ाते समय अर्थात् जल का लोटा खाली होने तक अधोलिखित सूर्य के द्वादश नामों का जाप करें-
सूर्य को जल चढ़ाते समय सीधा उसे न देखें। सूर्य को जल चढ़ाते समय जल की जो धारा आप बनाते हैं उसमें सूर्य रश्मियों या सूर्य के दर्शन करें। जल चढ़ाने के उपरान्त सूर्य देवता से अपने समस्त गलतियों की क्षमा याचना करते हुए उनसे प्रार्थना करें-'हे सूर्य देव! मुझसे जो भी भूलचूक हो गई हैं या मैंने जो गलतियां की हैं, कृपया उन्हें क्षमा कर दें। मुझे स्वास्थ्य प्रदान करें। मेरे नेत्रों के समस्त कष्ट दूर करते हुए उसमें ज्योति बढ़ाएं। स्वयं सदृश मेरा यश बढ़ाएं। मुझ पर अपनी कृपा सदैव बनाएं रखें। मुझे आशीर्वाद दें जिससे मैं अपना मनुष्य जीवन सार्थक कर पाऊं।'
तदोपरान्त सूर्य को जल चढ़ाते समय अर्थात् जल का लोटा खाली होने तक अधोलिखित सूर्य के द्वादश नामों का जाप करें-
ॐ मित्राय नमः
ॐ रवये नमः
ॐ सूर्याय नमः
ॐ भानवे नमः
ॐ खगय नमः
ॐ पुष्णे नमः
ॐ हिरण्यगर्भाय नमः
ॐ मारिचाये नमः
ॐ आदित्याय नमः
ॐ सावित्रे नमः
ॐ अर्काय नमः
ॐ भास्कराय नमः
सूर्य को जल सदैव प्रात:काल में चढ़ाएं। 6 से 7बजे प्रात: का समय उपयुक्त है। अधिक विलम्ब से न चढ़ाएं। अधिकाधिक आठ बजे तक जल अवश्य चढ़ा लें।सूर्य को जल चढ़ाते समय सीधा उसे न देखें। सूर्य को जल चढ़ाते समय जल की जो धारा आप बनाते हैं उसमें सूर्य रश्मियों या सूर्य के दर्शन करें। जल चढ़ाने के उपरान्त सूर्य देवता से अपने समस्त गलतियों की क्षमा याचना करते हुए उनसे प्रार्थना करें-'हे सूर्य देव! मुझसे जो भी भूलचूक हो गई हैं या मैंने जो गलतियां की हैं, कृपया उन्हें क्षमा कर दें। मुझे स्वास्थ्य प्रदान करें। मेरे नेत्रों के समस्त कष्ट दूर करते हुए उसमें ज्योति बढ़ाएं। स्वयं सदृश मेरा यश बढ़ाएं। मुझ पर अपनी कृपा सदैव बनाएं रखें। मुझे आशीर्वाद दें जिससे मैं अपना मनुष्य जीवन सार्थक कर पाऊं।'
3 comments:
आभार उचित सलाह के लिए.
सूरज जल चढ़ाने से शीतल नहीं होता। जल वैसे ही बेकार चला जाता है। जल बचाओ पौधों ओर प्राणियों के लिए।
सूरज जल चढ़ाने से शीतल नहीं होता। यह तो कोई भी बुद्धिजीवी सोच सकता है। यह तो आत्मबल बढ़ाने हेतु है। एक लोटा जल चढ़ाने से बेकार नहीं जाएगा। दिनेश जी आप और आपका परिवार नहीं हम सभी प्रतिदिन कितना पानी जाया करते हैं यह हम अच्छी तरह जानते हैं, उसे बचाने का प्रयास करेंगे तो जल बचाने में हम सबकासहयोग रहेगा। आपको नहीं ज्ञात होगा तो बता दें कि बगीचों में भी गंदा पानी रिसाईकिल करके उपयोग में लाते थे। शौचालय के फैलैशर में भी उसका उपयोग करते थे। इस प्रकार हम कितना जल बचाते हैं यह हमें ज्ञात है। व्यवहारिक जीवन में एक लोटा जल को छोड़कर बहुत मात्रा में जल बचाकर समाज का हित कर सकते हैं। आजकल घरों और कम्पनियों में वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम इसीलिए लगाए जाते है कि धरती में पानी का स्तर बढ़े। यदि पानी बचाने का सभी प्रयास नहीं करेंगे तो अगला विश्वयुद्ध पानी के लिए ही होगा, यह ध्यान रखें।
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