अपना आत्मपरीक्षण करें!
>> Tuesday, September 6, 2016
आप सोचते हैं कि आपमें योग्यता है, परिश्रम करने की क्षमता है और उचित अवसर भी मिलते रहते हैं, परन्तु फिर भी लक्ष्य नहीं पूरा होता। आपको लगता है कि आपके पास सच्चे मित्र नहीं है। आपको लगता है कि आपको सदैव गलत ही समझा जाता है। आपको लगता है कि आपको आगे बढ़ने के अवसर मिलते ही नहीं हैं। आपको लगता है कि आपमें आत्मविश्वास की कमी है। इस स्थिति में आपको आत्मपरीक्षण करने की आवश्यकता है। जब तक आप अपना आत्मपरीक्षण करके अपनी मानसिकता का विश्लेषण नहीं करेंगे तब तक आपको अपनी कठिनाईयों का कारण नहीं पता लगेगा। दूसरों पर उंगली उठाते हैं, दूसरों को सराहने में कंजूसी करते हैं और जरा-जरा सी बात पर उत्तेजित हो जाते हैं। जब आप इनसे बचकर अर्थात् आलोचना से बचें, दूसरों को सराहें व स्वयं के क्रोध पर काबू कर लें। ऐसे में अाप अपना सत्य विश्लेषण करेंगे तो आपको अपने विषय में सत्य ज्ञान होगा और उसी के अनुरूप अपनी योजनाओं को बनाएंगे तो आपका प्रगति पथ कंटकविहीन होता जाएगा। ऐसे में आपको लक्ष्य भी समीप आता दिखेगा व अपने में आए परिवर्तन एवं आशावादिता से आपके चहुं ओर का वातावरण भी प्रसन्नता से ओतप्रोत हो जाएगा। आप स्वयं को प्रसन्न एवं सफल महसूस करने लगेंगे व जीवन सार्थक लगने लगेगा।
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