बसन्त ऋतु (Basant Rtu)हिन्दी हाइकु
>> Thursday, March 30, 2017
लेखिका : डॉ. कंचन पुरी
हाइकु 5-7-5 के क्रम वाली क्षणिक कविता है और इसमें एक क्षण को उसकी सम्पूर्णता सहित अभिव्यक्त किया जाता है। इस वीडियो में बसन्त ऋतु पर हाइकु दे रहे हैं।
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1
फूलों की हँसी
बसन्त संग खुशी
तितली संगी ।
2
बसन्त मार
काम सुनाए राग
मादक फाग ।
3
मोहे बसन्त
भौंरा बना है संत
ले मकरंद ।
4
बसन्त राजा
फूल -सभा बुलाते
सब मुस्काते ।
5
मन वासन्ती
भावनाएँ चहकी
साँसें महकी ।
6
बसन्त लाता
मंद-मंद बयार
खुशबू-भरी ।
7
बसन्त आया
हरा भरा संसार
मन में प्यार ।
8
चमन खिला
मनमोहक समा
रंग है जमा
9
बसन्त आते
काम तीर चलाए
प्रेम जगाए ।
10
खिलते फूल
देख भौंरा बौराया
है मँडराया
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