दिन दशा फल कैसे विचारें? -बाबा ज्ञानदेव तपस्वी
>> Tuesday, June 1, 2010
जन्म राशि में जब सूर्य प्रवेश करता है अर्थात् जन्म राशि की संक्रान्ति जिस दिन हो उस दिन से दिनों की गिनती गिनकर दिन दशा-विचार करते हुए वर्ष फल जानना चाहिए। इस प्रकार दिनों की गणना करने से पुनः जातक की जन्म राशि आ जाती है।
जन्म राशि में जिस दिन गोचर के सूर्य का प्रवेश होता है उस दिन से जन्मराशि के 20 अंश (लगभग 20 दिन) तक सूर्य की दशा होती है और उस 20 अंश के अनन्तर 50 अंश तक जब सूर्य जाता है तब चन्द्रमा की दशा रहती है। उस स्थान से 28 अंश पर्यन्त मंगल की दशा, उससे 56 अंश पर्यन्त बुध की दशा, उससे 36 अंश पर्यन्त शनि की दशा, उससे 58 अंश पर्यन्त गुरु की दशा, उससे 42 अंश पर्यन्त राहु की दशा और 70 अंश पर्यन्त शुक्र की दशा होती है। कहने का तात्पर्य है कि सूर्य 360 अंश एक वर्ष में चलकर पुनः उस जातक की जन्मराशि में आ जाएगा। प्रत्येक ग्रह की दिन दशा निम्नवत् समझें-
ग्रह दशा
सूर्य 20 दिन
चन्द्र 50 दिन
मंगल 28 दिन
बुध 56 दिन
शनि 36 दिन
गुरु 58 दिन
राहु 42 दिन
शुक्र 70 दिन
सूर्य की दशा में धन हानि, चन्द्रमा की दशा में धर्म में रुचि व धन लाभ, मंगल की दशा में शस्त्रा से घाव, रोग व मृत्यु शल्य कष्ट, बुध की दशा में धन लाभ, शनि की दशा में मन्द गति, गुरु की दशा में सुख-सम्पत्ति लाभ, राहु की दशा में बन्धन एवं शुक्र की दशा में अभीष्ट फल की प्राप्ति होती है, ऐसा फल सूर्यादि ग्रह अपनी-अपनी दशा में करते हैं। सरलता के लिए देखें-÷दिन दशा फल-चक्रम्'।
दिन दशा फल चक्रम्
दशा ग्रह फल
सूर्य धनहानि, राज्य भय, मानसिक चिन्ता।
चन्द्रमा धर्म में रुचि एवं आर्थिक लाभ।
मंगल चोट, दुर्घटना या शस्त्र से घाव।
बुध धन लाभ व उन्नति।
शनि विलम्ब से कार्य सिद्धि, दुःख।
गुरु आर्थिक लाभ, सुख में वृद्धि, नई योजनाओं पर कार्य शुरू एवं सफलता।
राहु मानसिक कष्ट, त्वचा रोग एवं बन्धन से चिन्ता।
शुक्र अभीष्ट फल की प्राप्ति होती है।
उदाहरणतः मान लो किसी की वृष राशि है और सम्वत् 2054 में सूर्य वृष राशि में वैशाख शुक्ल पक्ष की अष्टमी को बुधवार वाले दिन आया था अर्थात् 15 मई 1997 सायं 19 बजकर 45 मिनट पर आया था।
अब इस दिनांक से उक्त दशा दिन या अंश गिनकर दिन दशा जाननी चाहिए। उक्त व्यक्ति का बीस दिन तक सूर्य की दशा चलेगी जिसमें उसे धनहानि, राज्यभय, मानसिक चिन्ता आदि हो सकती है। अगले 50 दिन तक चन्द्र की दशा चलेगी जिसमें उसे धर्म में रुचि एवं आर्थिक लाभ होगा। इस प्रकार आप किसी भी राशि का दिन दशा विचार ज्ञात करके फल ज्ञात कर सकते हैं।
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