यह ब्‍लॉग आपके लिए है।

स्‍वागत् है!

आपका इस ब्‍लॉग पर स्‍वागत है! यह ब्‍लॉग ज्‍योतिष, वास्‍तु एवं गूढ वि़द्याओं को समर्पित है। इसमें आपकी रुचि है तो यह आपका अपना ब्‍लॉग है। ज्ञानवर्धन के साथ साथ टिप्‍पणी देना न भूलें, यही हमारे परिश्रम का प्रतिफल है। आपके विचारों एवं सुझावों का स्‍वागत है।

गोचर वश अशुभ ग्रह क्या रोग करते हैं?-सत्यज्ञ

>> Sunday, August 8, 2010


सूर्य रक्त व पित्त विकार, सिर एवं मुख में पीड़ा करता है। चन्द्र कफ और रक्त विकार से छाती एवं गले में पीड़ा करता हैं। मंगल पित्त, कफ, रक्त व मज्जा दोष से सिर, पीठ और उदर में पीड़ा करता है। बुध (वात, पित्त व कफ) विकार से हाथ-पैरों में पीड़ा करता है। गुरु वात व कफ विकार से पीड़ा और कमर व जांघों में भी पीड़ा करता है। शुक्र कफ विकार, गुप्त रोग, अण्डकोष व मूत्र विकार से पीड़ा करता है। शनि वात विकार से जोड़ों, कमर व बदन में दर्द और पैरों व रोगों में भी कष्ट देता है। राहु-केतु जन्म कुण्डली के जिस भाव में होता है उसी के अनुरूप फल देता है। जैसे यदि राहु मिथुन राशि में है तो बुध सदृश फल देगा और केतु धनु राशि में होने के कारण गुरु सदृश फल देगा।

0 comments:

आगुन्‍तक

  © Blogger templates Palm by Ourblogtemplates.com 2008

Back to TOP