गोचर वश अशुभ ग्रह क्या रोग करते हैं?-सत्यज्ञ
>> Sunday, August 8, 2010
सूर्य रक्त व पित्त विकार, सिर एवं मुख में पीड़ा करता है। चन्द्र कफ और रक्त विकार से छाती एवं गले में पीड़ा करता हैं। मंगल पित्त, कफ, रक्त व मज्जा दोष से सिर, पीठ और उदर में पीड़ा करता है। बुध (वात, पित्त व कफ) विकार से हाथ-पैरों में पीड़ा करता है। गुरु वात व कफ विकार से पीड़ा और कमर व जांघों में भी पीड़ा करता है। शुक्र कफ विकार, गुप्त रोग, अण्डकोष व मूत्र विकार से पीड़ा करता है। शनि वात विकार से जोड़ों, कमर व बदन में दर्द और पैरों व रोगों में भी कष्ट देता है। राहु-केतु जन्म कुण्डली के जिस भाव में होता है उसी के अनुरूप फल देता है। जैसे यदि राहु मिथुन राशि में है तो बुध सदृश फल देगा और केतु धनु राशि में होने के कारण गुरु सदृश फल देगा।
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