यह ब्‍लॉग आपके लिए है।

स्‍वागत् है!

आपका इस ब्‍लॉग पर स्‍वागत है! यह ब्‍लॉग ज्‍योतिष, वास्‍तु एवं गूढ वि़द्याओं को समर्पित है। इसमें आपकी रुचि है तो यह आपका अपना ब्‍लॉग है। ज्ञानवर्धन के साथ साथ टिप्‍पणी देना न भूलें, यही हमारे परिश्रम का प्रतिफल है। आपके विचारों एवं सुझावों का स्‍वागत है।

शिक्षा का क्षेत्र कौन सा हो? (भाग-3)

>> Monday, February 21, 2011



    हर काई शिक्षित होना चाहता है क्योकि शिक्षा के बिना कुछ भी नहीं है। यदि आप अशिक्षित हैं तो आपका जीवन व्यर्थ है। यदि काई अपनी सन्तान को शिक्षा नहीं दिला सकता है तो वह सबसे बड़ा पापी व अपराधी है। शिक्षा दिलाना सबसे बड़ा धर्म है। इससे बड़ा दान कोई नहीं होता है। आठवीं पास करने के बाद यह प्रश्न मन में आ जाता है कि मेरा शिक्षा का क्षेत्र कौन सा हो जिससे मैं सहजता संग शिक्षा पूर्ण करके सफल व्यक्ति बन सकूं। अब पूर्व अंक की चर्चा को आगे बढ़ाते हैं।
शिक्षक बनने के योग
1. पंचमेश बली होकर पंचम भाव या केन्द्र में स्थित हो तो जातक अध्यापक होता है।
2. बुध स्वराशि में या सिंह राशि में हो और पंचम भाव में बुधादित्य योग हो तो जातक अध्यापक होता है।
3. पंचमेश पंचम भाव में और बुध व गुरु की युति एकादश भाव में हो तो जातक डिगरी कॉलिज या  विश्‍वविद्यालय में शिक्षक होता है।
4. बुध और गुरु सप्तम या दशम भाव व सूर्य द्वितीय भाव में हो तो जातक शिक्षक होता है।
5. शुक्र सातवें, सूर्य पांचवे एवं गुरु दसवें भाव में हो तो जातक शिक्षक बनता है।  
इंजीनियर बनने के योग
1. द्वितीयेश मंगल द्वितीय भाव में सूर्य व शुक्र के साथ हो एवं उस पर गुरु की दृष्टि हो तो जातक इंजीनियर होता है।
2. पंचम में चन्द्र-केतु, लग्न में सूर्य-बुध की युति व एकादश में गुरु स्थित हो।
3. दूसरे सूर्य-मंगल, पांचवे बुध एवं एकादश में शनि हो तो जातक इंजीनियर होता है।
4. मीन राशि का शुक्र द्वादश में, केन्द्र में शनि पर मंगल व गुरु की दृष्टि हो तो जातक इंजीनियर होता है।
5. गुरु दूसरे, मंगल पांचवे एवं शनि आठवें हो तो जातक इंजीनियर होता है।
6. पहले शनि, तीसरे राहु, पांचवे चन्द्रमा एवं एकादश में गुरु स्थित हो तो जातक इंजीनियर होता है।
7. स्वराशि या उच्च के शुक्र की मंगल व शनि के साथ युति हो तो जातक इंजीनियर होता है।
8. शुक्र-शनि की युति पर गुरु की दृष्टि हो एवं मंगल दसवें स्थित हो तो जातक इंजीनियर होता है।
चिकित्सक बनने के योग
1. सूर्य-बुध औषधिकारक, चन्द्र श्वेत रक्त कण, मंगल रक्त व अस्थि, शनि व राहु  चर्म व मृत शरीर के कारक हैं। इन ग्रहों का संबंध दूसरे, पांचवे, दसवें व ग्यारह से हो तो जातक चिकित्सक होता है।
2. मंगल-शनि दूसरे व चन्द्र दसवें हो तो जातक चिकित्सक होता है।
3. सूर्य-मंगल दसवें एवं शनि एकादश में हो तो जातक डॉक्टर होता है।
4. तीसरे शनि, पांचवे मंगल एवं एकादश में चन्द्र-बुध की युति हो तो जातक डॉक्टर होता है।
5. बुध पहले, मंगल दसवें एवं चन्द्र-शनि ग्याहरवें हो तो जातक डॉक्टर होता है।
6. मंगल दूसरे, सूर्य चौथे एवं शुक्र-चन्द्र दसवें हो तो जातक डॉक्टर होता है।
7. गुरु पहले भाव में, सूर्य-मंगल पांचवे एवं शनि नौवें हो तो जातक डॉक्टर होता है।
अभिनेता बनने के योग
कुंडली में निम्न योग होने पर जातक  अभिनेता होता है-
1. उच्च का मंगल चन्द्र के साथ छठे हो, द्वितीयेश व एकादशेश पांचवे तथा दशमेश व शुक्र की युति हो तो जातक विख्यात अभिनेता होता है।
2. सूर्य पहले एवं चन्द्र-शुक्र की युति पांचवे हो।
3. बुध-शुक्र की युति दूसरे एवं चन्द्र सातवें हो तो जातक अभिनेता होता है।
4. चन्द्र पहले, शुक्र सातवें एवं सूर्य व बुध की युति पांचवे हो तो जातक अभिनेता होता है।
राजनीतिज्ञ बनने के योग
कुंडली में निम्न योग होने पर जातक  राजनीतिज्ञ होता है-
1. दूसरे मंगल व पांचवे शनि-राहु हो तो जातक दलितों के सहयोग से प्रसिद्ध नेता बनता है।
2. सूर्य पहले, गुरु पांचवे, शनि नौवें एवं मंगल दसवें हो तो जातक राजनीतिज्ञ होता है।
3. मंगल दूसरे व बुध-शुक्र-शनि पांचवे हो तो जातक प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ होता है।
4. सूर्य व गुरु दूसरे, शनि-राहु पांचवे एवं मंगल आठवें हो। 
शिक्षा के ज्ञान कुण्डली से कैसे हो इसके अन्य योगों की चर्चा अगले अंक में करेंगे, इसे अवश्य पढ़ें।(क्रमशः)
(यह लेख डॉ. उमेश पुरी 'ज्ञानेश्वर' की नई पुस्तक 'ज्योतिष और शिक्षा विचार' पुस्तक का एक अंश है! शीघ्र यह पुस्तक ई-बुक के रूप में पाठकों के लिए उपलब्ध होगी! प्रतीक्षा करें! तब तक इस पुस्तक के अंश एक सीरीज के रूप में ज्‍योतिष निकेतन पर पढ़ते रहें।प्रतिदिन आकर लेख पढ़ना न भूलें वरना अनमोल ज्ञान से वंचित रह जाएंगे!)

0 comments:

आगुन्‍तक

  © Blogger templates Palm by Ourblogtemplates.com 2008

Back to TOP