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छींक कितनी शुभ

>> Sunday, February 13, 2011




हमारे देश में छींक को शकुन-अपशकुन से जोड़ा गया है। छींक आने पर कई लोग अपना कार्य रोक देते हैं क्‍योंकि उनके मन में यही रहता है कि कहीं काम न बने या इसमें हानि होगी। छींक कितनी शुभ है इसके लिए यह जान लें-
सामने से छींक सुनाई देना अशुभ होता है, परन्‍तु एक से अधिक छींक आने पर अशुभ नहीं होता है।
बायीं ओर से छींक सुनाई देना लाभप्रद होता है। 
नई वस्‍तु क्रय करते समय छींक अशुभ होती है। 
औषधि सेवन करते समय छींक शुभ होती है और औषधि त्‍वरित लाभ करती है। 
यात्रा के लिए जाते समय छींक अशुभ होती है। 
जिस प्रकार बिल्‍ली रास्‍ता काटे तो अशुभ समझा जाता है, उसी प्रकार यदि किसी भी कार्य के समय बिल्‍ली छींक दे तो वह भी अशुभ होता है।  

2 comments:

Asha Lata Saxena February 13, 2011 at 3:16 PM  

कोई भी कार्य किसी के लिए शुभ तो किसी के लिए अशुभ हो सकता है |यह तो विश्वास की बात है |
एक ही वस्तु अलग अलग लोगों के लिए अलग अलग परिणाम देती हैं |किसे सही माना जाए |

आशा

अम्बरीष कुमार गोपाल February 15, 2011 at 10:14 PM  

यह अनुभूत है कि अगर यात्रा के समय अचानक किसी को छींक आ जाय तो कुछ-न-कुछ अनिष्ट होने की संभावना बढ़ जाती है| कई बार ऐसा होते देखा गया है| हाँ, यह जरूर है कि यह एक संभावना है. पूरा जीवन ही एक संभावना है| आप करना कुछ चाहते हैं और हो कुछ और जाता है| आप बनना कुछ और चाहते हैं और बन कुछ और जाते हैं| चलते कहीं और के लिए हैं और रास्ते से ही किन्हीं अपरिहार्य कारणों से वापस आना पड़ता है| तथापि, जहां जो संकेत/योग अधिकांशतः शुभ परिणाम देता हैं वह अच्छा और जो अशुभ परिणाम देता है वह बुरा|

अम्बरीष कुमार गोपाल

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