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गृह क्‍लेश से मुक्ति पाने का अनुभूत मन्‍त्र प्रयोग

>> Friday, March 4, 2011


           
   
    आसन पर उत्तराभिमुख बैठ जाएं। यह प्रयोग रात्रि नौ  बजे के बाद और साढ़े ग्‍यारह बजे से पूर्व करना चाहिए।
    धूप व दीपक जलाकर तैंतीस दिनों तक बिना नागा पांच माला प्रतिदिन करें।
    प्रयोग के उपरान्‍त तर्पण करें और ब्राह्मणों को भोजन कराएं।
    इसके बाद दीपावली की रात्रि में 165 माला का जाप व एक माला का हवन करके सिद्ध कर लें।
    बाद में इस मन्‍त्र को भोजपत्र पर अनार की कलम से अष्‍टगन्‍ध से लिखकर पीडि़त को चांदी के ताबीज में पहनने को दें। इससे गृह क्‍लेश से मुक्ति मिलती है।
    पीडि़त व्‍यक्ति इसे प्रतिदिन एक माला करे तो भी गृहक्‍लेश दूर होता है।
    करके देखें, लाभ हो तो दूजों को भी बताकर यश पाएं।
    मन्‍त्र इस प्रकार है-
    ऊं दमयन्‍ती नलाम्‍यां तु नमस्‍कारं करोम्‍यहम्। अभिवादो भवेदत्र कलिदोष प्रशान्तिद:।।
    ऐकमत्‍यं भवेदेषां ब्राह्मणानां पृथ्‍सग्धियाम्। निर्वैरता च जायेत संवादाग्‍ने प्रसीद में।।
   

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