यह ब्‍लॉग आपके लिए है।

स्‍वागत् है!

आपका इस ब्‍लॉग पर स्‍वागत है! यह ब्‍लॉग ज्‍योतिष, वास्‍तु एवं गूढ वि़द्याओं को समर्पित है। इसमें आपकी रुचि है तो यह आपका अपना ब्‍लॉग है। ज्ञानवर्धन के साथ साथ टिप्‍पणी देना न भूलें, यही हमारे परिश्रम का प्रतिफल है। आपके विचारों एवं सुझावों का स्‍वागत है।

शयनकक्ष में सोते समय सकारात्मक ऊर्जा कैसे पाए

>> Thursday, April 7, 2011


    यह सर्वविदित है कि अच्छी नींद सुस्वास्थ्य की मूलाधार है। लेकिन यह तभी हो सकता है जब हमारा शयनकक्ष स्वच्छ, हवादार और सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण हो। वास्तु शास्त्र में अनेक ऐसे सूत्र हैं जिनको उपयोग में लाकर आप अपने शयनकक्ष को सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण बना सकते हैं।
    शयनकक्ष में अधोलिखित सूत्रों का पालन करना चाहिए-
    अच्छे स्वास्थ्य के लिए दक्षिण दिशा की ओर सिर करके सोना चाहिए! दक्षिण दिशा की ओर सिर करके सोने से धन व आयु की प्राप्ति होती है। स्वास्थ्य ठीक रहता है और अच्छी गहरी नींद आती है। गहरी नींद सुस्वास्थ्य की परिचायक है।
    पूर्व दिशा की ओर सिर करके सिर्फ  शिक्षा प्राप्त करने वाले युवा या बच्चों को सोना चाहिए। पूर्व की ओर सिर करके सोने वाले बच्चों की बुद्धि सजग, स्मृति अच्छी एवं पढ़ने में अधिक मन लगता है।
    उत्तर एवं पश्चिम दिशा की ओर सिर करके नहीं सोना चाहिए। इस और सिर करके सोने से शरीर रोगी रहता है और नींद भी अच्छी नहीं आती है। मन में चिन्ताएं एवं तनाव रहता है। 
    शयनकक्ष में देवी-देवताओं, पूर्वजों, हिंसक पशु-पक्षियों और ऐतिहासिक एवं पौराणिक युद्ध चित्रों को नहीं लगाना चाहिए। ऐसे चित्रों को लगाने से नकारात्मक भाव या भय उत्पन्न होता है  और मानसिक अस्थिरता आती है।
    दक्षिण एवं पश्चिम दिशा में मनोरम दिखने वाले प्रकृति दृश्यों को लगाया जा सकता है।
    शयनकक्ष में टी.वी., कम्प्यूटर आदि इलेक्ट्रॉनिक गैजेटस्‌ नहीं होने चाहिएं! यदि अत्यावश्यक हों तो उन्हें आग्नेय कोण में ही रखें। काम न होने की स्थिति में इसकी स्क्रीन को ढक कर रखें।
    यदि डे्रसिंग टेबिल भी शयनकक्ष में है तो उसे उत्तर या ईशान कोण की दीवार के साथ रखें और जब प्रयोग न कर रहे हों तो इसे ढककर ही रखें!
    शयनकक्ष में पलंग बीम या टांड के नीचे नहीं पड़ना चाहिए। सोते समय बीम या टांड सिर के ऊपर नहीं होना चाहिए! यदि ऐसा होगा तो नींद नहीं आएगी और दिमाग में भारीपन व तनाव उत्पन्न होगा! नींद न आने के कारण अगला दिन भी अच्छा नहीं जाएगा और शरीर अस्वस्थ महसूस होगा। इस बात का विशेष ध्यान रखें! यदि मजबूरी है तो बीम को फाल्स सीलिंग से ढक सकते हैं।
    सोते समय पैर द्वार की ओर नहीं होने चाहिएं। यह ध्यान रखें कि इस स्थिति में पैर मृतक के रखे जाते हैं।
    पलंग इस तरह नहीं बिछाना चाहिए कि उस पर सोते समय द्वार के मध्य में पड़ें। ऐसा होने पर नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहता है।
    पलंग पर दो लोग सो रहे हैं तो इस तरह न सोएं कि दोनों के सिर विपरीत दिशा में हों अर्थात्‌ एक का सिर दक्षिण में है तो दूसरे का सिर उत्तर में! यानि एक के पैर दूसरे के मुख के पास आएं! ऐसा करके सोने पर जीवन में दुर्भाग्य एवं नकारात्मकता की वृद्धि होती है!  कोई भी कार्य नहीं बनता है और जीवन में हर क्षेत्र में असफलता और विलम्ब आता है।
     घर में पालतु जानवर हैं तो उन्हें वायव्य कोण(उत्तर-पश्चिम) में रखना चाहिए!
    कैश और जेवर को शयन कक्ष में नहीं रखना चाहिए। यदि मजबूरी हो तो दक्षिण में रखी अलमारी जिसका मुख उत्तर की ओर खुलता हो में रखें! ऐसा करने पर कुबेर की कृपा बनी रहती है और धन में वृद्धि होती है!
    शयनकक्ष में दक्षिण व पश्चिम दिशा को रिक्त न रखें! वहां पर भारी समान या अलमारी आदि रखनी चाहिए! यदि ऐसा करेंगे तो शयनकक्ष में ऐसा चुम्बकीय क्षेत्र विकसित होगा कि आपको जल्दी नींद आ जाएगी और थकान भी महसूस नहीं होगी। दो अलमारियों के मध्य पलंग कदापि नहीं बिछाना चाहिए! ऐसा करेंगे तो नींद भी नहीं आएगी और बेचैनी महसूस करेंगे! शयनकक्ष के अटैच शौचालय के सम्मुख सोत समय पैर न पड़ते हों यदि ऐसा होगा तो दुर्भाग्य आपका पीछा करने लगेगा!
    उक्त वास्तु सूत्रों को ध्यान में रखेंगे तो सकारात्मक ऊर्जा संग गहरी नींद पाएंगे।






0 comments:

आगुन्‍तक

  © Blogger templates Palm by Ourblogtemplates.com 2008

Back to TOP