ज्ञान
>> Friday, May 20, 2011
अतारिष्म तमसस्पारमस्य।-ऋग्वेद 1.183.6
हम ज्ञान से अज्ञानान्धकार को पार कर जावें।
हम ज्ञान से अज्ञानान्धकार को पार कर जावें।
ज्ञान से सभी शंकाओं का शमन होता है। अज्ञान रूपी अन्धेरा ज्ञान रूपी प्रकाश के द्वारा ही दूर होता है। ज्ञान के बिना आप सुपथ ग्रहण नहीं कर सकते हैं। सभी समस्याओं का निराकरण ज्ञान से ही होता है। ज्ञान की वृद्धि करनी चाहिए। विद्वानों एवं सुसत्संग से ही ज्ञान का पोषण होता है। अतः जीवन के प्रत्येक पल का उपयोग ज्ञान प्राप्ति के लिए करना चाहिए। ज्ञान सच्चा सलाहाकार है। ज्ञान वृद्धि स्वाध्याय एवं पुस्तकों से होती है।
जीवन की पूरी होती आस। जब ज्ञान होता सदा पास॥
2 comments:
कहा भी गया है ज्ञान के सामान पवित्र कुछ भी नहीं है. न हि ज्ञानेन सदृशं पवित्रमिह विद्यते.
गोपाल
Ur rait
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