क्षमा से अन्तः का कचरा साफ होता है!
>> Friday, September 9, 2016
यह सत्य है गलतियां सभी करते हैं। कोई-सा व्यक्ति ऐसा नहीं है जो गलती न करता हो। गलती करने पर जब डांट पड़ती है तो दुःख होता है। कोई भी डांटे और कोई भी डांट खाए; पर डांट खाने वाले को दुःख तो होता ही है। दिन भर जिन लोगों को आपने दुःख पहुंचाया है या आपके कारण वह दुःखी हुआ है। गलती मांग लेने में एक बड़प्पन है अब चाहे आपकी गलती हो या दूसरे की। यदि आप किसी भी जीव को दुःख पहुंचाते हैं तो उससे क्षमा मांग लें। उससे क्षमा नहीं मांग सकते हैं तो प्रतिदिन रात्रि में सोने से पूर्व दिन भर में जितनों को भी आपने सताया है या दुःख पहुंचाया है उनको स्मरण करके क्षमा मांग लें-मुझे क्षमा करो, मैंने आपको दुःख पहुचाया, भविष्य में ऐसा नहीं करूंगा और यह ध्यान रखूंगा कि मेरे कारण आपको दुःख न पहुंचे। ऐसा प्रतिदिन सोने से पूर्व करेंगे और यह निरंतरता बनाए रखेंगे तो धीरे-धीरे आप तनाव मुक्त हो जाएंगे और स्वयं को हल्का महसूस करेंगे। आपको नींद भी अच्छी आएगी और दूजों से आपके संबंध भी अच्छे होते जाएंगे। अन्तः का कचरा साफ होता जाएगा और आप स्वयं में एक नया परिवर्तन पाएंगे। प्रतिदिन का कचरा रोज रात में क्षमा द्वारा साफ कर लेंगे तो आप स्वयं से आत्म- साक्षात्कार कर पाएंगे और फलस्वरूप जीवन की गुणवता बढ़ जाएगी।
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